किसे मनाने चले हो तुम कौन तुम्हारा यहां अपना है ? पत्थर की इस दुनिया में, पत्थर जैसे किसे मनाने चले हो तुम कौन तुम्हारा यहां अपना है ? पत्थर की इस दुनिया में, ...
अपने शहर में यूँ, हमें यारी नही भाती। यहाँ मतलब के हैं लोग, जो हमको नहीं आती।। अपने शहर में यूँ, हमें यारी नही भाती। यहाँ मतलब के हैं लोग, जो हमको नह...
कल भी दिल नादान था आज भी दिल थोडा नादान है! कल भी दिल नादान था आज भी दिल थोडा नादान है!
इसीलिए मुंह ढक कर आए शहर पर गर्व करने वाले। इसीलिए मुंह ढक कर आए शहर पर गर्व करने वाले।
लोग अपनों को भी कुर्बान करते हैं !! लोग अपनों को भी कुर्बान करते हैं !!
अंदर अंदर कुछ कचोटता है खुलेपन की बिंदास मुस्कुराहट ओढे़ खुद ही खुद से लड़ती हैं बेबाक औरतें बहुत ... अंदर अंदर कुछ कचोटता है खुलेपन की बिंदास मुस्कुराहट ओढे़ खुद ही खुद से लड़ती है...